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Trataka क्या है, कैसे करें। Candle Gazing

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त्राटक एक संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब है एक जगह पर ध्यान लगाना। यह बहुत ही पुरानी तकनीक है जिससे लोग अपने मन और दिमाग को शांत कर सकता है। त्राटक एक सरल लेकिन शक्तिशाली तारिक है।

तो, आज हम जानेंगे त्राटक क्या है, कैसे करें और इसका लाभ, नुकसान और उद्देश्य क्या है।

त्राटक क्या है

त्राटक का मतलब है एक ऐसा योगिक ध्यान की तांत्रिक विधि जिसमें एक ही बिंदु पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है, जैसे एक छोटी वस्तु, काली बिंदु या फिर मोमबत्ती की लौ। माना जाता है त्राटक करने से हमारी "तीसरी आंख" यानी अजना चक्र और विभिन्न मानसिक क्षमताएं बढ़ता है।

त्राटक की उद्देश्य

त्राटक हमारी दृष्टिशक्ति और मानसिक क्षमतायों को बढ़ावा देने मे मदद करता है। इसके साथ ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ता है, हमारी स्मृति शक्ति बढ़ता है, जागरूकता बढ़ता है और यह हमारी अजना चक्र पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है।

त्राटक के प्रकारभेद

त्राटक तीन प्रकार से किया जा सकता है, बाहरी त्राटकआंतरिक त्राटक और मध्य त्राटक

बाहरी त्राटक

इसमें व्यक्ति को किसी दूर की चीज़ जैसे सूरज, चंद्रमा या किसी चमकीले ग्रह को स्थिर रूप से देखते हुए किया जाता है।

आंतरिक त्राटक

इसमें व्यक्ति को कल्पना करना होता है कि हम अपनी दोनों आंखों के बीच का हिस्सा, या हृदय, नाभि या किसी अन्य अंग के मध्य बिंदु में देख रहे है।

मध्य त्राटक

इसमें कोई व्यक्ति नाक की नोक या फिर किसी भी पास की वस्तु पर ध्यान केंद्रित करके त्राटक अभ्यास करते है।

त्राटक कैसे करें

त्राटक करने के लिए आपको जरूरत होगी एक अंधेरा कमरा और एक दीये की लौ, या फिर मोमबत्ती की लौ, की। आप दीवार पर काले रंग का बिंदु भी लगा सकते है।

इसके बाद आपको उस मोमबत्ती की लौ को अपनी छाती के बराबर की ऊंचाई पर रखे, ताकी आपको आसानी हो, इसके बाद उससे तीन से चार फीट की दूरी पर अपने रीढ़ की हड्डी को सीधा रख कर बैठ जाना है, ध्यान रखे आपके शरीर को आरामदायक अनुभव होना चाहिए वरना आपका मन स्थिर नहीं हो पाएगा।

इस स्थिति में बैठने के बाद आपको मोमबत्ती में जलती हुई आग पर ध्यान लगाना है, और उसको घूरना है। जब आप उस जलती हुई आग पर ध्यान लगा रहे होंगे तब पलके नही झपकना है।

मतलब एक दृष्टि से ही आग पर ध्यान लगाना है और जब तक आप देख सके तब तक देखते रहना होगा। आप देखेंगे अंत में आपके आंखों से आंसू गिरने लगेगा। और इसी तरह आपको हर दिन 2 से 3 बार अभ्यास करना है।

त्राटक करने के लिए आप मोमबत्ती के अलावा शिव लिंग, एक तारा, सूर्य, चांद, काली बिंदी इत्यादि प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल कर सकते है, इस प्रक्रिया को ज्योति त्राटक भी कहा जाता है।

त्राटक कब करना चाहिए

आम तौर पर त्राटक किसी भी समय किया जा सकता है लेकिन खाली पेट करने पर यह अधिक प्रभावी और शक्तिशाली होता है, अगर आप सुबह चार से छह बजे के बीच उठ कर आसन और प्राणायाम करने के बाद त्राटक करेंगे तो यह आपके लिए बहुत अच्छा होगा। या फिर इसे आप रात को सोने से पहले भी कर सकते हो।

त्राटक के फायदे

इसे करने से हमारी शरीर पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। त्राटक करते समय शरीर को बिना हिलाए जब हम किसी चीज़ पर ध्यान केंद्रित करते है तो हमारा मन स्थिर हो जाता है, जिससे भटके हुए विचारों को कम करने में मदद करता है।

इसके साथ त्राटक के नियमित अभ्यास से आंखों की रोशनी तेज होती है, आंख साफ होती है और आंखों की मांसपेशियां मजबूत होती है, मन की एकाग्रता शक्ति और लंबे समय तक ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ता है, इच्छाशक्ति बढ़ता है, स्मरण शक्ति, तर्क और समझने की शक्ति भी बढ़ता है। साथ ही इससे आपकी तीसरी आंख यानी अजना चक्र पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

त्राटक के नुकसान

त्राटक यदि ठीक से ना किया जाए तो हानिकारक हो सकता है, और अगर आप ग्लूकोमा से पीड़ित है या फिर आंखों से जुड़ी परिशानिया है तो, आपको त्राटक नही करना चाहिए, क्योंकि यह आपके लिए हानिकारक साबित होगा। इसके अलावा किसी बच्चे को भी त्राटक अभ्यास नही करना चाहिए।

उपसंहार

तो आज हमने जाना, त्राटक क्या है, कैसे करें, इसका लाभ, नुकसान और उद्देश्य क्या है। इसी तरह की ओर जानकारी पाने के लिए हमे फॉलो करें।

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